Kartik Purnima 2023 : जानिए इस से जुडी हर एक बात

Kartik Purnima 2023(कार्तिक पूर्णिमा)

हिन्दू पंचांग के अनुसार Kartik Purnima हिन्दू Calendar के कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को मनाई जाने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक पूर्णिमा है। यह त्योहार हिन्दू धर्म में सांस्कृतिक और धार्मिक महत्वो के जुड़ा हुआ है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन भक्त नदियों, झीलों तथा अन्य पवित्र जल स्थलों में स्नान करते हैं।

इस दिन Ganga नदी में स्नान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इस स्नान को “कार्तिक स्नान” या “कार्तिक स्नाना” कहा जाता है। कुछ क्षेत्रों में कार्तिक पूर्णिमा को भगवान शिव, भगवान विष्णु या अन्य देवताओं की पूजा के साथ मनाया जाता है, जो स्थानीय परंपराओं पर निर्भर करता है। 

What is Kartik Purnima Celebrated for? ( कार्यिक पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?)

ऐसा माना जाता है कि इस दिन कृतिका में भगवान शिव के दर्शन करने से सात जन्मों तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में आ रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से भगवान शिव को प्रसन्नता प्राप्त होती है और वह हमे आशीर्वाद प्रदान करते है।

What are the rituals of Kartik month? ( कार्तिक माह में किन नियमों का पालम करना चाहिए?)

कार्तिक मास में कई धार्मिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाज होते हैं जैसे की:

  1. कार्तिक सोमवार: कार्तिक मास में सोमवार को विशेष रूप से शिवजी की पूजा का आयोजन किया जाता है। भक्तजन शिवलिंग की स्थापना करते हैं और शिवाराधना में भाग लेते हैं।
  2. तुलसी विवाह: कार्तिक मास में Tulsi विवाह का आयोजन किया जाता है। यह विवाह पंचमी के दिन आयोजित किया जाता है।
  3. कार्तिक पूर्णिमा: इस दिन का विशेष महत्व होता है। भक्तजन इस दिन Ganga नदी या अन्य सुधारक स्थलों में स्नान करते हैं जिसे कार्तिक स्नान कहा जाता है। इस दिन विभिन्न धार्मिक क्रियाएं और पूजाएं आयोजित की जाती हैं।
  4. धनतेरस: कार्तिक मास के Krishan पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहा जाता है, जो धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इस लोग  धन, सोना, चांदी, और नए उपहार ख़रीदते है।

Is Kartik Purnima 2023 good or bad?

Kartik Purnima हिन्दू सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा में एक पवित्र और शुभ दिन माना जाता है। कार्तिक मास में होने वाली इस Purnima को भगवान Shiv और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष समय माना जाता है। इसे सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी माना जाता है और लोग इसे धार्मिक उत्सव के रूप में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं इसलिए हिन्दू धर्म में Kartik Purnima को शुभ और अच्छा माना जाता है।

What is the significance of Kartik Purnima spiritually?

Kartik Purnima का आध्यात्मिक महत्व हिन्दू धर्म में अत्यंत उच्च माना जाता है और इसे भक्ति और आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। 

कार्तिक स्नान और पवित्रता: कार्तिक पूर्णिमा को स्नान का विशेष दिन माना जाता है  जिसे “कार्तिक स्नान” भी कहा जाता है। इस दिन Ganga नदी या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुराणों में वर्णित पुण्य का फल मिलता है और व्यक्ति के पाप धूल जाते हैं।

  • दीपदान और प्रकाश का सिंबोल: इस दिन दीपों का जलाना आत्मा की अज्ञानता से प्रकाश की ओर बढ़ने की प्रतीक माना jata है। यह भक्ति और आत्मा के प्रकाश की ओर पथिक यात्रा को दर्शाता है।
  • पूजा और आराधना: इस दिन भक्तजन विशेष रूप से भगवान विष्णु, भगवान Shiv, और अन्य देवताओं की पूजा और आराधना करते हैं। यह उनको आत्मा के एकता और परमात्मा के साथ योग में ले जाने का साधन है। यह बहुत पवित्र दिन माना जाता है।

Which God to worship on Kartik Purnima? ( कार्तिक पूर्णिमा पर किस भगवान की पूजा करनी चाहिए)

Kartik Purnima  पर मुख्य रूप से भगवान Shiv की पूजा की जाती है। भक्तजन इस दिन दीप जलाते हैं और भगवान शिव के प्रति विशेष रूप से आराधना करते हैं। कुछ लोग इस महीने में भगवान Vishnu की पूजा भी करते हैं।

What should we not do on Kartik Purnima? ( कार्तिक पूर्णिमा के दिन हमे क्या नहीं करना चाहिए?)

कुछ विशेष बातें हैं जिनका Kartik Purnima के समय भक्तों को विवेश ध्यान रखना चाहिए जिनमे से कुछ बातें निम्नलिखित है:

  • अहिंसा और धर्म को अपनाए: Kartik Purnima को शुभ मानते है और इस दिन अहिंसा का अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक सत्य और धार्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाने का एक अच्छा त्योहार है।
  • अन्याय और अधर्म का समर्थन ना करे: कार्तिक पूर्णिमा के दिन यदि कोई अन्याय या अधर्म हो रहा है तो उसे रोकने का प्रयास करना चाहिए। अन्याय और अधर्म का समर्थन नहीं करना चाहिए।
  • अशुभ सामग्री का प्रयोग ना करे: Kartik Purnima के दिन अशुभ सामग्री जैसे कि काले वस्त्रों को अच्छा नहीं माना जाता है। इस दिन शुभ सामग्री का प्रयोग करना चाहिए।
  • धार्मिक गतिविधियों में समर्थन करना चाहिए: कार्तिक पूर्णिमा के दिन धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में समर्थन करना चाहिए। यह समय धार्मिकता और भक्ति में समर्थन करने का होता है।

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