Bhai Dooj 2023 Date and Time , Details – Kaise Kare Bhai Dooj
Bhai Dooj or Bhaiya Dooj or Bhai Phota (as called in West Bengal) is a festival which celebrates brother sister relationship. Indian culture celebrates the relationship of brother and sister and their unconditional love and care for each other. Bhai Dooj is usually celebrated during the period of Diwali. This festival symbolizes the strengthening and eternal love of brother and sister.
अद्भुत रहस्यों का खुलासा: भाई दूज उत्सव के पीछे छुपी अद्वितीय सच्चाई, जिसे आप मानेंगे नहीं!
भाई दूज, भारतीय पर्व वर्षा ऋतु के समाप्त होने के बाद मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भाई-बहन के प्यार और समर्थन का परिचय कराता है। इसे ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है, क्योंकि इसे देवता यमराज की पूजा के लिए मनाया जाता है।
भाई दूज का अर्थ होता है ‘भाई की दूजी’, जो इस त्योहार के मुख्य आधार को दर्शाता है। इस दिन, बहन अपने भाई की लंका पूजा करती है और उसे रोली, चावल, और कुछ मिठाई देती है। बहन अपने भाई की लंका पूजा करने के बाद, उसकी सिर पर तिलक लगाती है और उसे शुभकामनाएं देती है कि उसका जीवन सुरक्षित रहे।
भाई दूज का पारंपरिक रूप से इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है और इसे वेदों और पुराणों में भी साक्षात्कार किया गया है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने अपनी सहेली शुभद्रा के हाथ पर रंग छिड़वाया था और उसे भाई दूज के रूप में आशीर्वाद दिया था। इससे भाई दूज का पर्व प्रारंभ हुआ और यह बहन-भाई के प्यार और समर्थन का प्रतीक बन गया है।
भारतीय सांस्कृतिक में, भाई दूज एक महत्वपूर्ण दिन है जब परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं और अपने रिश्तों को मजबूती से जोड़ते हैं।
भाई दूज का पर्व हिन्दू पंचांग में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है, जिसे ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है। यह पर्व बहनों और उनके भाइयों के बीच मिलनसर और प्यार भरे रिश्तों का प्रतीक है।
त्योहार की विशेषताएँ:
लंका पूजा (टिका विधि): इस दिन, बहन अपने भाई की लंका पूजा करती है। इसके लिए, बहन एक छोटे से चौथाई भाग में चावल और कुमकुम की थाली बनाती है और उसमें दीपक, रोली, कुमकुम, बत्ती, और मिठाई रखती है। फिर वह अपने भाई का पूजन करती है, उसकी लंका सजाकर उसके माथे पर रोली और कुमकुम लगाती है और उसे मिठाई खिलाकर आशीर्वाद देती है।
भाई दूज के गीत और गाने: यह दिन बहनें और भाइयों के बीच खास गीतों और वार्तालापों का समय होता है, जो रिश्तों को और भी मजबूत बनाता है।
आत्मीय समय: भाई दूज एक ऐसा मौका है जब परिवार के सभी सदस्य मिलकर खाना खाते हैं और आपस में खुशियाँ बांटते हैं। इस दिन को आत्मीयता और समृद्धि का पर्व माना जाता है।
पुरानी कहानियों का महत्व: भाई दूज के दिन, बच्चों को पुरानी कहानियां सुनाई जाती हैं जो इस पर्व के पीछे छिपे महत्वपूर्ण सन्देशों को साझा करती हैं।
सामाजिक समारोह: भाई दूज के दिन स्थानीय समाजों में विभिन्न समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ते हैं और खुशी के लम्हों का आनंद लेते हैं।
भाई दूज एक अद्भुत पर्व है जो परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ ला कर उनके बीच आपसी प्रेम और समर्थन को बढ़ावा देता है।
कुछ रोचक तथ्य हैं भाई दूज के बारे में:
भारतवर्ष में विभिन्न नाम: भाई दूज को भारतवर्ष में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में इसे ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे ‘यम द्वितीया’ या ‘यम द्वादशी’ कहा जाता है।
यमुना का आशीर्वाद: हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार, भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों के लिए दुआएं करती हैं। कहानी के अनुसार, लॉर्ड यम की बहन यमुना ने अपने भाई को आरती से स्वागत किया, उसकी माथे पर तिलक लगाया, और मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया। इससे यह पर्व ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जाना जाता है।
पुरानी कहानियां और गीत: भाई दूज के दिन, बहनें और भाइयों के बीच पुरानी कहानियों और गीतों का आनंद लेती हैं। यह रिश्तों को और भी जबरदस्ती बनाए रखने में मदद करता है।
अलग-अलग राज्यों में विशेष परंपराएं: भारत के विभिन्न राज्यों में, भाई दूज को मनाने का तरीका और परंपराएं भिन्न हो सकती हैं। कुछ स्थानों पर यह पर्व बहुतंत्री व्रत के रूप में भी मनाया जाता है।
भाई दूज में भाइयों की दूल्हे वर्तन: कुछ स्थानों में, भाई दूज के दिन भाइयों को दूल्हे वर्तन (शादीशुदा आदमी) के रूप में पूजा जाता है, उन्हें सम्मानित किया जाता है और उनको विशेष भोजन किया जाता है।
Story of Bhai Dooj (भाई दूज की कहानी)
There are multiple stories about how and why bhai dooj is celebrated. One most prominent story. Yamuna is the sister of Yamraj. Yamraj visited his sister on this day. Yamuna celebrated Bhai dooj by putting a Tilak on Yamraj`s head. It is also said that Yamaraj released may people from hell on this day.
Where Bhai Dooj is celebrated?
Bhai Dooj is celebrated mostly in Northern States of India. Uttar Pradesh, Bihar, Jharkhand, regions of Noida and Delhi celebrate Bhai Dooj with much enthusiasm. In West Bengal Bhai Dooj is popularly known as Bhai Phota. Bengalis celebrate Bhai Phota with much excitement just like Rakhsha bandhan is celebrated.
Bhai Dooj Kab hai 2023
Bhai Dooj Wednesday 15th November , 2023 ko hai
Bhai Dooj is on Wednesday 15th November,2023
Bhai Phota 2023 date kolkata
The date of Bhai Dooj in Kolkata is 15th November 2023
Bhai Dooj Timing
Bhai Dooj Start Date and Time 02:36 PM on 14th November,2023
Bhai Dooj End Date and Time 01:47 PM on 15th November,2023